कार्यशाला

आज हम हिन्दी भाषा के शिक्षकों  के सम्मुख कई सारी चुनौतियाँ हैं, जिनमें कक्षा-शिक्षण को रोचक कैसे बनाया जाए, प्रमुख है। मेरा मानना है कि शिक्षण के लिए सिर्फ़ पाठ-योजना का निर्माण भर कर लेना काफी नहीं हैं। हमें पाठ-योजना बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखने की जरूरत है कि हम जिस पाठ को पढ़ाने जा रहे हैं, उसका शैक्षणिक उद्‌देश्य विद्‌यार्थियों के समसामयिक जरूरतों से जुड़ता है कि नहीं।
भाषा-शिक्षण को रोचक बनाने के लिए यह जरूरी है कि शिक्षक पाठ को आज के घटना-कर्म से जोड़कर उसका विश्लेषण करे और उसमें मनोरंजन के तत्वों को भी समाहित करे। इसके लिए शिक्षक इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकता है।
मैंने कोलकाता के कुछ हिन्दी शिक्षकों और साहित्य-कर्मियों का साक्षात्कार लेकर यह जानने की कोशिश की है कि वे अपनी कक्षाओं को रोचक बनाने के लिए किन साधनों का इस्तेमाल करते हैं। मैं उस साक्षात्कार को आप सबके साथ साझा कर रह रहा हूँ। आशा है कि आपसब लाभान्वित होंगे।

 

गद्‌य संकलन के पाठों पर आधारित स्लाइड

































































































 

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